छठ पूजा का पर्व भगवान सूर्यदेव की उपासना का दिन होता है | इस त्यौहार की शुरुआत बिहार और झारखण्ड राज्य से हुई थी लेकिन अब ये त्यौहार भारत के कई राज्यों में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है | आप लोगो ने छठ पूजा के दौरान महिलाओं को नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाते हुए देखा होगा तो आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा की महिलाये इस त्यौहार पर ऐसा क्यों करती है | दरअसल इस त्यौहार पर इस तरह सिंदूर लगाने के पीछे कुछ दिलचस्प कारण है जिनके कारण महिलाये ऐसा करती है वो कारण कौन कौन से है आईये जानते है उनके बारें में...
छठ पूजा पर नाक से मांग तक सिंदूर लगाने के पीछे के कारण
* ऐसी मान्यता है की यदि महिला नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती है तो उसके पति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है ये महिलाये अपने पति की सफलता के लिए ऐसा करती है |
* इस बात को तो आप सभी लोग जानते ही है की महिलाओं के लिए सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है | छठ पूजा के दौरान महिलाये अपनी मांग में पीले गाढ़े रंग का सिंदूर भारती है जो महिलाये अपनी नाक से मांग तक सिंदूर भारती है उनके पति को हर कार्य में सफलता मिलती है | ऐसा करने से छठ मैया की कृपा द्रष्टि प्राप्त होती है और ऐसा कहा जाता है इन महिलाओं का सुहाग हमेशा अमर रहता है | सिंदूर बारे में ऐसा भी कहा जाता है की जो महिलाये जितना लंबा सिंदूर भरेगी उसके पति की उम्र उतनी अधिक लंबी होती है |
* जिन महिलाओं की शादी हो जाती है वो अपनी मांग में सिंदूर भरकर छठ मैया की पूजा करती है और भगवान सूर्य को अर्घ्य देती है उन महिलाओं से सूर्यदेव जल्दी प्रसन्न होते है | जो महिलाये छठ का व्रत करती है उन महिलाओं से सूर्यदेव जल्दी प्रसन्न होते है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है |
* छठ पूजा का व्रत बहुत ही कठिन माना गया है जो महिलाये इस व्रती को विधि विधान पूर्वक करती है उनकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है |
महिलाये इस व्रत में पूरे 36 घंटे तक निर्जला व्रत करती है | इस व्रत में साज श्रंगार का बहुत बड़ा महत्त्व है | इस व्रत के दौरान महिलाये सजती संवरती है पूरा श्रंगार करती है और सबसे ख़ास बात की महिलाये नाक से मांग तक सिंदूर लगाती है | अब तो आप समझ ही गए होंगे की इस छठ पूजा के दौरान महिलाये नाक से मांग तक सिंदूर क्यों लगाती है |